खामोश वक़्त – भगवती सक्सेना गौड़

Post View 434 अभी दो ही दिन पहले माधुरी को उसके बेटे बहू इस सारी सुख सुविधायों से लैश सीनियर सिटीजन वृद्धाश्रम में छोड़ गए थे। बेटा आकाश ने पहले से नही बताया, कार से रास्ता दो घंटे की दूरी पर था, उसी बीच धीरे धीरे सब समझाता रहा। समान डिक्की में रखते हुए देखकर, … Continue reading खामोश वक़्त – भगवती सक्सेना गौड़