कतरन – विनय कुमार मिश्रा

Post View 482 टोकरी में कुछ भुट्टे लिए, वो तीन गरीब और फटेहाल बच्चे आज फिर रोज की तरह,दोनो तरफ की रोड के बीच में लगे घास पर बैठ गए। उनमें से बड़ी लड़की जो तकरीबन दस साल की होगी। उसने अंगीठी जला लिया। भुट्टे सिकने लगे थे। मैं अपने सब्जी का ठेला लगाए उनके … Continue reading  कतरन – विनय कुमार मिश्रा