कर्तव्य क्षेत्र – लतिका श्रीवास्तव

Post View 792 वो अवाक खड़ी थी जैसे कोई बेजान मूर्ति हो…। मैंने गुरु दीक्षा ले ली है आज….उन्होंने मुझसे कहा। तो..! मेरा मन  जिज्ञासा जाहिर करने ही वाला था कि जवाब आ गया..”इसलिए आज ये मेरा अंतिम दिन है इस घर में ….गुरु जी के ही आश्रम में आश्रय ढूंढ लिया है मैंने… अब … Continue reading कर्तव्य क्षेत्र – लतिका श्रीवास्तव