Post View 727 “एक सवाल हमेशा मेरे मन में रहा है,क्या हमारे ये वरिष्ठ नागरिक अर्थात् हमारे बड़े बुजुर्ग, सदा सही कार्य ही करते है?… जिंदगी के खट्टे मिट्ठे, गम के पल, खुशी के पल, इतने अनुभवों के होने के बाद भी क्यों ये कभी कभी अनुभवहीन जैसा बर्ताव करते है। जीवन के आखिरी मोड़ … Continue reading कल आज और कल” – कविता भड़ाना
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