जीवन का संघर्ष – सुभद्रा प्रसाद

Post View 1,224  “मैं पूछती हूँ माँ जी, यह बुआ जी कबतक हमारे घर में रहेंगी ? सारा दिन खांसती रहती है  |आप इन्हें इनके घर भेजती क्यों नहीं? रमा की छोटी बहू रचना ने पूछा |             ” अरे ये अब कहीं नहीं जायेगी| यहीँ मरेगी, तभी पिंड छूटेगा हमारा इनसे |” बडी बहू राखी … Continue reading जीवन का संघर्ष – सुभद्रा प्रसाद