जनक – रवीद्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi
Post View 100,653 दरवाजे की घंटी बजी. प्रातः काल के दैनिक कार्यों में व्यस्त सौम्या ने अपने बेतरतीबी से बिखरे बालों को रबरबैंड में बंधा और दरवाजा खोल दिया. एक अत्यंत साधारण कुरता पायजामा पहने हुए ग्रामीण सा व्यक्ति दरवाजे पर खड़ा था. सौम्या ने प्रश्नसूचक निगाहों से उसकी तरफ देखा. अजनबी ने कहा “तुम… … Continue reading जनक – रवीद्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi
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