“इंतहा स्वार्थ की” – कुमुद मोहन

Post View 501 “देखो बेटा। मैं अब अगले महीने रिटायर होने वाला हूँ। बहुत दिनों से अम्मा के मोतियाबिंद का आपरेशन टाल रहा था कि ऑफिस से छुट्टी पाऊंगा तो आराम से करा दूंगा। हमारा खर्च तो मेरी पेंशन में जैसे तैसे हो जाएगा। मैं ये चाहता हूँ कि तुम भी अब घर के खर्चे … Continue reading “इंतहा स्वार्थ की” – कुमुद मोहन