इंसानियत जिंदा है अभी! – प्रियंका सक्सेना

Post View 1,559 आज सबमिशन की डैडलाइन थी, प्रोजेक्ट हैड होने के कारण सुनंदा की जिम्मेदारी थी। सुनंदा जल्दी जल्दी अपना काम निबटा रही थी, एक नजर घड़ी पर देख उसके हाथ और तेजी से कम्प्यूटर पर चलने लगे। शाम के सात बज चुके थे, फटाफट सभी फाइलें भेजी फिर क्लाइंट का कन्फर्मेशन आने के … Continue reading इंसानियत जिंदा है अभी! – प्रियंका सक्सेना