ईमान – विनय कुमार मिश्रा

Post View 246 शॉप के कैश काउंटर पर ड्यूटी बदलने का वक़्त था। मैं पैसे मिला रहा था “क्या हुआ अंकित? परेशान क्यूँ है” “देख ना यार कुछ समझ नहीं आ रहा, आज से पहले तो कभी ऐसा नहीं हुआ। लगभग पन्द्रह सौ रुपये कम हो रहे हैं” “ऐसे कैसे? ठीक से चेक कर! ये … Continue reading  ईमान – विनय कुमार मिश्रा