हमनशीं (भाग 6) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Post View 102 “एक दिन सुबह। आँखें खुलते ही रफ़ीक़ ने बुझे मन से सुहाना के मोबाइल पर फोन लगाया। इसबार, सुहाना का मोबाइल ऑन था और कॉल जा रहा था । जैसे शरीर को उसकी आत्मा मिल गई हो, बिस्तर पर लेटा हुआ रफीक फुर्ती से उठ बैठा। एक-दो रिंग के बाद सुहाना ने … Continue reading हमनशीं (भाग 6) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi