Post View 247 नैना को रोज मेट्रो से आना जाना होता है उसने अपनी छड़ी और कदमों की गिनती से रास्ते को पहचानना सीख लिया है ।अपने नाम के जैसे उसकी आँखें बहुत ही सुन्दर और बड़ी बड़ी हैं पर उन आँखों मे रोशनी नही है। अनुराग और नैना की मुलाकात रोज मेट्रो में ही … Continue reading हम सफर-सीमा बी.
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