बदलते रिश्ते (भाग-2) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

Post View 202 मैंने उसे दरवाजे से ही लोटा दिया। अतीत की यादें, मस्तिष्क के हर कोने में मानो रमी हुई हैं, हर कोने ने बहुत हिफाजत से उन यादों को संजोया हुआ है। ‘किताब के पन्नों की तरह, पन्ना पलटता मेरा अतीत, मेरे सामने घूम रहा है ’ बस आज जरा सा मौका मिला … Continue reading बदलते रिश्ते (भाग-2) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi