गुरूर. – निभा राजीव “निर्वी” : Moral Stories in Hindi

Post View 55,423 पीहू और कुहू ने सुनंदा जी को प्यार से सहारा देते हुए गाड़ी में बैठाया और दोनों उनके अगल-बगल बैठ गईं। शीघ्र ही गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली। सुनंदा जी के शरीर का बायाँ लकवाग्रस्त भाग निश्चेष्ट पड़ा हुआ था और वह कांपते हुए दाएं हाथ से अपनी भींगी आंखों को पोंछने … Continue reading गुरूर. – निभा राजीव “निर्वी” : Moral Stories in Hindi