गहरी नींद  – गीतू महाजन

Post View 6,301 गहरी अंधेरी रात में शशांक अपनी बालकनी में खड़ा दूर शून्य में देख रहा था।आज भी उसकी आंखों से नींद कोसों दूर थी।अपने आलीशान घर में बने विशाल कमरे में लगे हुए भव्य पलंग पर लेट कर भी पिछले कई रातों से वो सो नहीं पाया था। आज भी वो कितनी देर … Continue reading गहरी नींद  – गीतू महाजन