गलती मेरी थी – डा.शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi

Post View 797 जब उसके ‘केबिन’ में आ राधेश्याम ने बत्ती जलाई तो मानो अंधेरे की चादर में रोशनी की अनेक दरारें पड़ गई। उसी तरह से जैसे पिछले कई दिनों से वर्तिका की भाई अतुल के साथ संबंधों में दरारें आ गई थी। शुरू से महत्वाकांक्षी रही वर्तिका के जीवन का लक्ष्य बिना उतार-चढ़ाव … Continue reading गलती मेरी थी – डा.शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi