फूटी आंँखों न भाना – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

Post View 76  उस दिन वातावरण पर अंधेरा उतरने के बाद शनि के घर में प्रवेश करते ही उसकी धर्मपत्नी रीतिका ने  अपनी आंँखें लाल-पीला करते हुए उसको खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि घर में सबेरे( अंधेरा होने से पहले) आकर वह क्या करेगा?.. दफ्तर  में नई खूबसूरत स्टाफ आई है  और उसकी सुन्दरता के … Continue reading फूटी आंँखों न भाना – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi