*फटे में टांग अड़ाना* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 654     हरिया आज फिर मेरे पास आया और फिर पुरानी व्यथा सुनाने लगा कि कैसे उसका भाई और भतीजा उसके जमीन के चक को हड़पने की चाल चल रहे है।मेरी समझ नही आ रहा था कैसे उसकी मदद करूँ?फिर भी मुझे उसकी बात सुन उससे सहानुभूति होती।       एक दिन मैं स्वयं गावँ के … Continue reading *फटे में टांग अड़ाना* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi