एक कटोरी सालन  – डा उर्मिला सिन्हा

Post View 1,118      ” सो गए।”   ” नहीं तो।”  “अभी तक जाग रहे हो”। “आज तुमने बड़ी देर लगा दी ।” “हां, आज छोटी के मायके वाले आते थे । चौका-चूल्हा समेटते बारह तो बज ही गये.. खैर….”लंबा नि:श्वास! “तुमने खाना खा लिया।” “तो क्या भूखा बैठा हूं।”   “नाराज क्यों होते हो बाबा ,लो जरा … Continue reading एक कटोरी सालन  – डा उर्मिला सिन्हा