इक दूजे के वास्ते – नीरजा नामदेव   

Post View 274            आज विधु शरद पूर्णिमा के चांद को देखते हुए अपने बीते दिनों को याद कर रही है। सोमांशु जब उसे शादी के लिए देखने आए थे तब बात करते हुए विधु ने  पूछा था कि क्या मैं शादी के बाद नौकरी करना चाहूं तो कर सकती हूं ।तब सोमांशु ने उसे … Continue reading इक दूजे के वास्ते – नीरजा नामदेव