एक बार फिर (भाग 33 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

रिनी खन्ना प्रिया से मिलने के लिए मीटिंग और जगह फिक्स करती है ‌परन्तु प्रिया मना कर देती है।

अब आगे-

रिनी और विक्रांत खन्ना ऑफिस में बहस कर ही रहे थे कि रिनी का फोन बज उठा।

शेखर की कॉल थी।

हैलो!

तो उसने तुम्हें बता दिया कि मैं उससे मिलने का सोच रही हूं।

शेखर याद रखना तुम बहुत पछताओगे।

विक्रांत ने उसे फोन स्पीकर पर डालने का इशारा किया।

मैं चाहता हूं कि तुम जल्द ही उससे मिलो और उसे

देखकर तुम्हें अहसास हो कि तुम कितनी गिरी हुई हो।

अपनी असलियत से वाकिफ करवा कर तुमने मुझ पर बहुत बड़ा अहसान किया है।

तुमने खुद प्रिया को मेरी किस्मत में लिख दिया।

रिनी ने गुस्से से फोन काट दिया।

शेखर साईट पर पहुंच चुका था उसने प्रोग्रेस चैक की पर उसका मन बहुत बेचैन था।

शाम तक वह वह वहीं था उसके मन में विचारों का द्वंद चरम पर था।

प्रिया के फोन ने उसके विचारों में खलल डाल दिया।

आप कहां हैं???

ओह “माई ड्रीम गर्ल”

साईट पर हूं क्या हुआ???

आप आज आ सकते हैं???

कहां??? और कहां दी के घर पर कह रही हूं।

कहीं अकेले में बुलाती तो बात होती दीदी के घर आकर मैं क्या करूंगा??

आपसे कुछ बात करनी थी आएंगे न????

“ओके” डिनर के वक्त मिलते हैं।

प्रिया ने ऑफिस से घर आकर चाय पी और बैठ गई।

थी भी उसके पास आकर बैठ गईं।

उसे चुपचाप देख कर दी ने कहा क्या हुआ???

आज मौन व्रत है???

दी ! आज शेखर डिनर पर आ रहे हैं।

“वेरी गुड” दी के चेहरे की खुशी साफ झलक रही थी।

क्या बनाऊं??? जल्दी से बता तैयारी करवाती हूं।

उनके चोंचले तो आपको पता ही हैं। बेस्वाद खाना तैयार करवाइए खुश हो जाएंगे।

बस तुम उसकी बुराई करती रहो।

प्रिया अंदर रूम में चली गई। कुछ देर आंखें बंद करके लेट गई।

थकान से बुरा हाल था।

आधे घंटे बाद उठ कर उसने अपने चेहरे को फ्रैश किया।

शिफान की साड़ी पहन कर बालों का जूड़ा बनाया आंखों में काजल लगा कर हल्का सा टच‌अप दिया फिर खुद को देखने लगी।

बहुत खूबसूरत लग रही हो दी ने पीछे से आकर कहा, अच्छी बात है कि तुमने शेखर के लिए तैयार होना शुरू कर दिया है।

उसके गाल सुर्ख हो उठे, मैं अपने लिए तैयार हुई हूं दी भला उनके लिए क्यों इतनी मेहनत करूंगी??

वो तो दिख रहा है तुमने लहजा जो बदल लिया है। आखिर तुम्हें “एक बार फिर” प्यार हो ही गया है।

शेखर पहुंच चुका था।

प्रिया और दी भी आकर बैठ ग‌ए। शेखर ने खड़े उठ कर दी की सासू मां के पैर छुए।

दी की सासू मां ने उसका माथा चूम कर उसे आशीर्वाद दिया।

शेखर की नजरें प्रिया से हट ही नहीं रही थी।

जीजा जी बड़ी बेतकल्लुफी से उससे बातें कर रहे थे।

यही कोई आधे घंटे बाद दी ने कहा मैं खाना लगवा देती हूं।

दी की सासू मां ने कहा राजेश मुझे मेरे कमरे में ले चलो।

उनके जाने के बाद प्रिया और शेखर अकेले थे।

शेखर उसका हाथ पकड़ कर उसकी तरफ देखते हुए मुस्कराया, मेरे लिए तैयार हुई हो??? प्रिया ने नजरें झुका ली।

हां तो कह दो।

जी, अपने पतिदेव के लिए तैयार हुई हूं।

सच में बहुत खूबसूरत लग रही हो।

उसने जेब से एक खूबसूरत डिबिया निकाली और उसमें से एक सॉलिटेयर निकाल कर उसकी फिंगर में पहना दिया।

प्रिया ने उसे देखा फिर रिंग को देखा।

शेखर ने उसका हाथ अपने होंठों से लगा लिया।

शेखर ये बहुत महंगी रिंग है।

तो क्या हुआ??? राजशेखर वाधवा की वाइफ को ऐसी ही चीजें सूट करती हैं क्योंकि वो खुद बेशकीमती है।

शेखर आप ऐसा क्यों करते हैं??? मैंने आपसे कहा था कि शादी के बाद आप जो कुछ करेंगे मुझे मंजूर है पर शादी से पहले इतनी कॉस्टली चीजें प्लीज…

शेखर ने उसके होंठों पर उंगली रख दी।

गर्दन हिला कर इनकार करते हुए उसकी आंखों में देखा।

अच्छा बताओ मुझे यहां क्यों बुलाया था???

शेखर रिनी खन्ना मुझसे मिलना चाहती है। आप बताइए मैं क्या करूं???

शेखर उसकी मासूमियत पर हंस पड़ा।

मिलना तुम्हें है तुम डिसाइड करो। नहीं आप डिसाइड करें।

कहां और कब मिलना चाहती हो??? मैं क्या बताऊं???

“ब्लैक पेपर” रेस्तरां में कल शाम छह बजे ठीक रहेगा कहते हुए शेखर उसके फेस एक्सप्रेशन पर ध्यान दें रहा था।

‌आप भी आएंगे न??

हां,पर मैं सामने नहीं आऊंगा। तुम्हारी सेफ्टी की पूरी व्यवस्था रहेगी उन दोनों भाई-बहन का‌ कोई भरोसा नहीं है।

डिनर के बाद शेखर चला गया।

प्रिया और दी लॉन में बैठ ग‌ए। दी ने उसकी रिंग देखी,

“वाऊ सो ब्यूटीफुल”

दी शेखर ने आज पहनाई है।

बहुत कीमती है कम से कम डेढ़ की तो होगी।

डेढ़ मतलब???

1.5 करोड़ की, दी ने उसका हाथ पकड़ कर छूते हूं कहा

प्रिया के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी। दी मैंने मना किया था। दी मुस्कराते हुए बोली ये तो सिर्फ शुरूआत है प्रिया

मुझे रूपए पैसे से कोई मतलब नहीं है दी, मैं सिर्फ शेखर से प्यार करती हूं मुझे और कुछ नहीं चाहिए।

चलो अंदर चलते हैं सुबह जल्दी उठना है।

अगले दिन प्रिया ने ऑफिस पहुंच कर राधिका गेरा को फोन किया।

अपनी मैम को कहो कि आज शाम छह बजे “ब्लैक पेपर रेस्तरां में पहुंच जाएं मैं वहां उनका इंतजार करूंगी।

प्रिया ऑफिस में दिन भर बेचैन थी। पूरा दिन उसे लंबा महसूस हो रहा था। पता नहीं रिनी खन्ना कैसी होगी?? कहीं उसने मुझसे मिसबिहेव किया तो???

शाम को ठीक छह बजे वह वह “ब्लैक पेपर” पहुंच ग‌ई।

पंद्रह मिनट तक यूं ही बैठी रही। उसने एक कॉफी आर्डर की और इधर उधर देखने लगी वो सोच रही थी कि बड़े लोग हैं लेट करना हो सकता है कि उसकी आदत में शुमार हो।

इतने में सामने से एक लड़की आती हुई दिखाई दी। उसे देखते हुए ही वह पहचान ग‌ई कि ये ही रिनी खन्ना है।

क्योंकि वो उसके फोटोज देख चुकी थी।

लड़की बहुत स्मार्ट और खूबसूरत थी। लंबी, छरहरी काया, हल्के ब्राऊन कलर के बाल जो सलीके से सेट किए हुए थे। व्हाइट कलर की नी लेंथ ड्रेस उसे मार्डन और एलिगेंट दिखा रही थी।

प्रिया ने उसे हाथ से इशारा किया।

वो उसकी तरफ चली आई।

हाय! मैं रिनी खन्ना

मैं प्रिया हूं। वो प्रिया को सिर से पैर तक देख रही थी। उसके चेहरे से लग रहा था कि प्रिया को देख कर वह प्रभावित हो गई थी।

प्रिया सिंपल लुक में भी बेहद खूबसूरत लग रही थी। उसके चेहरे पर एक फ्रैशनेश थी। वह खूबसूरत होने के साथ-साथ आत्मविश्वास से भरपूर थी।

प्रिया को देख कर रिनी खन्ना खास खुश नहीं थी।

अचानक उसकी नजर उसकी रिंग पर पड़ी।

तुम जैसी लड़कियां इसलिए ही र‌ईसजादों को फंसाती

हो।

उसने रिंग की ओर इशारा किया।

“माइंड योर लैंग्वेज” आप मेरे बारे में क्या जानती हैं???

तुम्हें जानना मेरे लिए इतना जरूरी नहीं है मैं सिर्फ तुम्हें ये कहने आई हूं कि शेखर वाधवा को छोड़ दो वो तुम्हारा इस्तेमाल कर रहा है।

अच्छा, प्रिया ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा।

वो मुझे नीचा दिखाने के लिए तुम्हें यूज कर रहा है।

आप होती कौन हैं मुझे ये सब कहने वाली??? जहां तक मैं जानती हूं कि आप उनकी एक्स गर्लफ्रेंड हैं।

और मैं उनकी होने वाली वाइफ हूं।

तुम्हारे लिए कुछ सबूत लाई हूं शायद इन्हें देखकर तुम्हें कुछ होश आ जाए।

रिनी खन्ना ने एक लिफाफा उसकी तरफ बढ़ाया इसमें एक वीडियो क्लिप और हास्पिटल के पेपर्स हैं जहां मैंने शेखर के दबाव के चलते अबॉर्शन करवाया था। उसने मेरा इस्तेमाल करके मुझे छोड़ दिया।

वो तुम्हारे साथ भी ऐसा ही करेगा।

प्रिया ने लिफाफा ले कर टेबल पर रख दिया।

आपके पास इतना कुछ है तो आप मीडिया में जा सकती थी। मेरे पास क्यों आईं??

आपके सबूत मुझे नहीं चाहिए। प्रिया ने लिफाफा उसकी तरफ सरकाया।

लगता है आप उनसे बेहद प्यार करती थीं इसलिए आपने उनके और अपने खास पलों की वीडियो बना ली।

ये सुन कर रिनी का पारा चढ़ गया। प्रिया उसे गौर से देख रही थी।

आप शेखर का पास्ट हैं?? जो बीत चुका है मुझे उनके पास्ट में कोई दिलचस्पी नहीं है।

इसलिए मैं इस लिफाफे को यहीं छोड़ कर जा रही हूं।

अच्छा किया जो शेखर ने आपको छोड़ दिया। आपके साथ तो उनकी जिंदगी खराब हो जाती।

जो लड़की रिश्ते को एक डील समझती हो वो रिश्ता कामयाब कैसे होता???

शेखर अब भी मुझसे प्यार करता है। जानती हो वो ब्रेकअप के बाद भी मुझसे मिलने मेरे घर आया था।

जानती हूं वो मुझसे कुछ नहीं छिपाते।

अच्छा मैं चलती हूं शेखर भी यहां आए हुए हैं हम दोनों साथ घर जाएंगे। प्रिया ने मुस्कराते हुए कहा

रिनी खन्ना जल उठी, वो प्रिया को जाते हुए देख रही थी।

इतने में शेखर प्रिया के सामने आ गया। प्रिया और वो साथ में रेस्तरां से बाहर निकल ग‌ए।

शेखर को पता था कि रिनी उसे देख रही है पर उसने पीछे मुडकर नहीं देखा।

बाहर आकर उसने प्रिया को कहा चलें हां मैं दी के घर जा रही हूं।

आप भी चल रहे हैं।

तुम्हारी गाड़ी मैंने वापस भेज दी है।

चलो मैं तुम्हारे साथ कुछ टाइम अकेले रहना चाहता हूं।

शेखर ने प्रिया को बैठाकर गाड़ी स्टार्ट कर दी।

हम कहां चल रहें हैं प्रिया ने उसकी तरफ देखते हुए कहा।

अकेले मतलब अकेले समझ रही हो??? वो उसकी आवाज में एक अजीब सी खुमारी महसूस कर रही थी।

शेखर आप मुझे तंग करते हैं।

प्लीज मुझे घर छोड़ दीजिए। शादी के बाद आप….

प्रिया कहते हुए रूक गई।

शेखर ने गाड़ी की रफ्तार तेज कर दी।

अगला भाग

एक बार फिर (भाग 34 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

©® रचना कंडवाल

एक बार फिर (भाग 32 )

error: Content is protected !!