प्रिया का अतीत जान कर जब शेखर उससे कोई बात नहीं करता तो प्रिया बहुत दुःखी होती है। वो उससे खुद बातचीत करने का फैसला करती है अगले दिन सुबह वह उसके रूम में जाती है। वह बाथरूम से नहाकर बाहर आता है।
अब आगे-
मुझे भी तुमसे बात करनी है।
आपको????
हां, जाओ डोर बंद करो???
प्रिया को लगा कि अब वो बेहोश हो जाएगी।
मैं जा रही हूं आप कपड़े पहन लीजिए मैं तब आकर बात करती हूं।
तुमने सुना नहीं कि मैंने क्या कहा??? उसकी आवाज में तेजी थी।
उसने आगे बढ़ कर डोर बंद कर दिया।
गुड गर्ल!
प्रिया डोर की तरफ ही मुंह कर के खड़ी थी। सोच रही थी कि वो यहां क्यों आ गई???
इधर आओ। वो वैसे ही खड़ी रही।
क्या मुझे वहीं पर आना पड़ेगा??? शेखर प्लीज ऐसा मत कीजिए। उसने आंखें कस कर मींच ली। पर तब तक वो उसके करीब आ चुका था। उसने उसका हाथ पकड़ा और उसे बैड पर बैठा दिया।
आंखें खोलो। मैं नहीं खोलूंगी मुझे आपको बिना कपड़ों के देखने का शौक नहीं है।
तो ठीक है अब मैं वो करूंगा जो तुम सोच भी नहीं सकती।
उसने घबरा कर आंखें खोल दीं।
वह उसके आगे शर्टलेस खड़ा था। शुक्र था कि बाकी कपड़े पहन चुका था।
उसकी मजबूत कद काठी चौड़ा सीना बिखरे हुए बाल उसकी आंखें सब कुछ ऐसा था कि प्रिया का दिल सचमुच बहुत तेजी से धड़कने लगा। उसे लगा कि जैसे वक्त रूक गया हो।
हां हां ध्यान से देखो वो उसकी आंखों में देखते हुए
बोला क्या बाकी कपड़े भी……..
प्रिया कुछ देर तक उसे देखती रही वो उसके बेहद करीब था।
फिर उसने मुंह फेर लिया।
मुझे कुछ बात करनी है।
जो कहना है कहो उसने हाथ पकड़ कर हल्के से उसे अपने और करीब कर लिया। इस चक्कर उसका दुपट्टा फिसल कर नीचे गिर गया।
शेखर छोड़ें मुझे,
नहीं, उसकी आवाज में अजीब सी खुमारी थी।
प्लीज मजाक नहीं आई एम सीरीयस
उसने अपनी पकड़ ढीली कर दी। प्रिया ने झपट कर अपना दुपट्टा उठाया और अपने को कवर कर लिया।
उसका चेहरा सुर्ख हो उठा।
शेखर सामने काउच पर टिक कर बैठ गया। अब वो सुनने को तैयार था।
मैंने कल आपको अपने बारे में जो कुछ बताया।
उसे सुनकर आपके मन में मेरे कैरेक्टर को लेकर अगर शक है तो???
तो क्या???
शेखर मैं सब कुछ बर्दाश्त कर सकती हूं पर आपकी नजरों में खुद के लिए शक बर्दाश्त नहीं कर सकती। उसका गला भर आया।
कल आप बिना कुछ रियेक्ट किए चले गए।
क्या आप मुझे गलत समझते हैं???
मैं आपके और अपने बीच कोई झूठ नहीं रखना चाहती थी इसलिए मैंने आपको सब बता दिया।
जब से आप मेरी लाइफ में आए हैं मुझे हर पल यही लग रहा था कि मैं आपको चीट कर रही हूं।
मेरे अतीत का वो हिस्सा मेरी जिंदगी का वो सच है। जिससे मैं सबसे ज्यादा नफरत करती हूं।
और ये कह कर मैं न तो आपको कोई सफाई दे रही हूं न आपको इम्प्रैस कर रही हूं।
कुछ बातें वक्त रहते हुए क्लीयर हो जाएं तो ही अच्छा है। कहते हुए वह उदास हो गई।आपका हर फैसला मुझे मजूंर है।
कैसा फैसला???
आप चाहें तो इस रिश्ते से पीछे हट सकते हैं।
इसी लिए मैंने डोर बंद करवाया था। बाहर क्लीनिंग चल रही है। लोग काम कर रहे हैं।
मुझे पता था कि तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा है??
मैं नहीं चाहता कि हमारी कोई भी बात बाहर जाए।
वैसे भी हमसे संबंधित हर बात मीडिया में बढ़ा चढ़ा कर बताई जा रही है।
इस तरह तो तुम भी मुझसे कैरेक्टर सार्टिफिकेट मांगों।
हमेशा हम लड़कियों से अच्छे कैरेक्टर की उम्मीद क्यों करते हैं???
और लड़कों के कैरेक्टर की कोई बात नहीं करते।
क्या अपने कैरेक्टर को सही साबित करने का सारा दारोमदार तुम्हारे ऊपर है???
ऐसे तो पास्ट में मेरी भी गर्ल फ्रेंड थी।
तुम मुझ पर भरोसा करती हो???
वो उसके पास आ कर बैठ गया। उसने हां में गर्दन हिलाई।
तो मैं भी तुम पर उतना ही भरोसा करता हूं।
फिर आपने मुझसे बात क्यों नहीं की??? न सुबह न रात को उसने दुःखी हो कर कहा।
मैं सोच रही थी कि शायद आप नाराज हैं कि मैं ये बात आपको तब बता रही हूं जब शादी का वक्त नजदीक आ रहा है।
मेरी नाराजगी की परवाह है तुम्हें??? सही भी है।
जो लड़की मुझे जैसे इतने हैंडसम और प्यार करने वाले इंसान के साथ इतनी बेरूखी से पेश आती है उससे मैं खुश कैसे हो सकता हूं???
तुम चाहती तो जिंदगी भर मुझसे छिपा सकती थी ना बताती पर तुमने मुझे बताया ये जानते हुए भी कि इससे हम दोनों का रिश्ता इफेक्ट हो सकता है।
प्यार में भरोसा होना बहुत जरूरी है। अगर आप भरोसा नहीं करते तो इसका मतलब प्यार है ही नहीं।
तुम एक इतने बड़े एम्पायर के मालिक की होने वाली बीवी हो। कभी ऐसा भी हो सकता है कि मैं बिजनेस के सिलसिले में बाहर रहूं और तुमसे बात न हो पाए
तो इसका मतलब ये नहीं है कि मैं तुमसे नाराज़ हूं। कल सुबह मैं जल्दी निकल गया था क्योंकि पुलिस हैडक्वार्टर में जाना था। वहां भी वक्त लगा।
उसके बाद दो मीटिंग्स थीं फिर कल कई लोगों से मिला।
बहुत थक गया था।
ऐसा नहीं था कि मैंने तुम्हारा वेट नहीं किया। पर तुम तो तुम हो तुम्हें मुझसे बात करने की फुर्सत ही कहां है???
शेखर मुझे डर लग रहा है कि आप पर अटैक करवाने वाला कहीं अभय तो नहीं था।
तुम उससे आखिरी बार कब मिली थी???
बस उसी दिन जिस दिन मुझे उसका सच पता चला था।
उस बात को आठ साल बीत चुके हैं।
उसने कभी तुम्हे फोन किया ??
नहीं कभी नहीं।
तो ये पॉसिबल नहीं है कि वो इतने साल बाद अचानक से वापस आए और मुझ पर गोली चलवा दे।
क्या वो मुझे मारने के लिए पच्चीस लाख दे सकता है???
पता नहीं।
मुझ पर अटैक बहुत सोच समझ कर करवाया है।
और जो भी इसके पीछे है वो बहुत शातिर और क्रिमिनल माइंड है। और ये काम वही कर सकता है जिसके पास पैसा, वक्त और नफरत सब कुछ हो।
उस शार्प शूटर को बाहर से बुलवाया गया था।
अभय कहां रहता था मुझे उसके बारे में बताओ??? उसका कोई कांटेक्ट नंबर अगर है तो उसकी जन्म कुंडली मैं निकलवा लूंगा।
नहीं मेरे पास कुछ नहीं है पर उसका घर जहां था वो जगह बता सकती हूं। वहां वह अपने मम्मी पापा के साथ रहता था।
ठीक है। बाकी सब मुझ पर छोड़ दो।
चलो छोड़ो ये सब तुम्हारे तो मुस्कुराने पर भी टैक्स लगता है।
इसलिए ही कम हंसती हो।
वो मुस्कुरा दी शेखर ने उसे जबरदस्ती अपने बाजुओं में जकड़ लिया।
तुम रात को मेरे रूम में क्यों नहीं आईं ?? तुम्हें तो बात करनी थी।
नहीं करनी थी मुझे कोई बात??
अच्छा
नीचे चलें प्रिया उससे दूर होने की कोशिश करते हुए बोली।
नहीं अभी नहीं वो धीरे से बोला
सब इंतजार कर रहे होंगे। करने दो।
प्रिया ने धीरे से उसके हाथ खोल दिए।
वो उसकी ओर देखते हुए गुनगुनाया
“बेकरार करके हमें यूं न जाइए आपको हमारी कसम लौट आइए।”
तुम तो बस धोखा देने में माहिर हो।
बस एक महीना और फिर……
प्रिया ने डोर ओपन किया और तुरंत रूम से बाहर निकल गई।
शेखर भी तैयार हो कर नीचे आ गया था।
आज तुम दोनों ने इतनी देर क्यों कर दी??? मम्मी प्रिया से पूछने लगी।
मम्मी थोड़ा देर से नींद खुली सॉरी
कोई बात नहीं
कल तो तुम वैसे भी सारे दिन उदास रहीं।
मम्मी अब वो अटैकर पकड़ा गया है तो अब मैं वापस दी के घर चली जाऊं???
शेखर चौंक उठा???
क्यों यहां कोई तकलीफ है तुम्हें???
नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। तो फिर???? उसकी आवाज में में गुस्सा नजर आ रहा था।
तभी दादी बोली उठीं ठीक है तुम जा सकती हो।
पर हम सोच रहे हैं कि तुम अपने लिए शादी की शॉपिंग कर लो।
अपनी पसंद का सब कुछ ले लो।
मम्मी आप मेरे लिए जो कुछ भी लेंगी शायद उतना अच्छा तो मैं खुद नहीं ले पाऊंगी।
बेटा आज ही साथ चलते हैं। मैंने डिजाइनर के साथ अप्वाइंटमेंट फिक्स किया है।
जी मम्मी कहते हुए उसने शेखर की तरफ देखा जो गुस्से में उसे ही घूर रहा था।
क्रमशः
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