अहसास – सरिता गर्ग ‘सरि’ : Moral Stories in Hindi

Post View 858   कैसा खूबसूरत था वह दिन जब धरती का चाँद अपनी धड़कनें समेटे मेरे आँगन में उतरा था , मगर मेरा दुर्भाग्य मुझसे दस कदम आगे चल रहा था। मैं नहीं जानता था सुख के मुट्ठी भर पल ही  मेरे हिस्से में आने हैं।                  तुम मुझे छोड़ कर चली गईं। लाल साड़ी में … Continue reading अहसास – सरिता गर्ग ‘सरि’ : Moral Stories in Hindi