दुलारी सिम्मी – डा उर्मिला सिन्हा

Post View 297  आज क‌ई वर्षों के पश्चात् मायके की सीढ़ियां चढ़ती सिम्मी की आंखें भर आईं। यह वही घर है जहां उसका जन्म हुआ, घुटनों चली बड़ी हुई।पढ़ाई पूरी की।व्याही गई। दादा दादी, माता-पिता, चाचा चाची के आंखों की पुतली सिम्मी। भाई-बहनों के दिल की धड़कन दुलारी सिम्मी।   न‌ आज दादा दादी हैं और … Continue reading दुलारी सिम्मी – डा उर्मिला सिन्हा