डूबता हुआ प्यार – संजय मृदुल

Post View 787   घाट में भारी भीड़ में तुम्हारी मांग में भरा सिंदूर दूर से दमक रहा था। छठ पूजा की शाम का इंतज़ार हर साल रहता है। तुम हर साल इन दिनों घर आती हो।  तुम्हारी तस्वीरें देखता रहता हूँ सोशल मीडिया में अक़्सर। वहां मैं तुम्हारा मित्र तो नहीं हूं मैं, वहां … Continue reading डूबता हुआ प्यार – संजय मृदुल