धूसर चंद्रमा – राजेन्द्र पुरोहित

Post View 23,790 पूजा की थाली सजाती उर्मि के सामने बैठी भागवंती मन ही मन बुदबुदा रही थी, “सुबह से भूखी प्यासी सोलह श्रृंगार कर के किसकी प्रतीक्षा कर रही है पगली। वह नीच तो पड़ा होगा उसी लिली की बाहों में। हे माँ भवानी, तूने मुझे इतनी गुणवंती बहू दी तो बेटा इतना अधम … Continue reading धूसर चंद्रमा – राजेन्द्र पुरोहित