Post View 363 आज भी वो दिन आंखों के सामने एक चलचित्र की भांति घूमते रहते हैं।जब लोगों का प्यार छत्तों पर परवान चढ़ा करता था। तब आज की तरह एक दूसरे से बात करने को फोन तो होते नही थे। कि जो अच्छा लगे जल्दी से उसको संदेश भेज दो या फिर फोन करके … Continue reading छत वाला प्यार – रीटा मक्कड़
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