चलो न पापा – लक्ष्मी रानी लाल : Moral Stories in Hindi

Post View 68,452 सारी रात की मूसलाधार बारिश अब तक रिमझिम फुहारों में तबदील हो चुकी थी। श्यामल जी खिड़की के पास कब तक खड़े रहे, उन्हें भान न था । नि:शब्द धुंधलाती बरसती आँखों को चुपके से उन्होंने पोंछा । खिड़की के पास खड़े-खड़े उनके पाँवों में ऐंठन सी होने लगी थी । ‘पापा…. … Continue reading चलो न पापा – लक्ष्मी रानी लाल : Moral Stories in Hindi