छलावा – गीतू महाजन 

Post View 2,060 “तो तुम हो मालती”  आवाज़ सुनकर उसने अपना चेहरा ऊपर उठाया… आंखों में हैरानी के भाव थे। वह कोई बाईस-तेईस साल की युवती थी। कुर्सी पर सर झुकाए जब उसे मुक्ता जी ने पुकारा तो उसका ध्यान टूटा… शायद कुछ सोच रही थी।  “क्या हुआ? इतनी हैरान क्यों हो”? मुक्ता जी ने … Continue reading छलावा – गीतू महाजन