Post View 859 रात गहन अन्धकार में सन्नाटे को चीरती हुई मुसला-धार बारिश….सांय-सांय की आवाज के साथ तूफानी हवाएं…..रह रह कर आसमान का सीना चीरकर कहर बरपाती बिजलियां ….. और गड़गड़ाहट …… वातावरण को बेहद भयावह बना रही थी । तेज हवाएं कार की गति अनियंत्रित कर रही थी ।बड़ी मुश्किल से धीरे धीरे कार … Continue reading बिजली गिर गई – गौतम जैन
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