बे औलाद बेहतर है – के कामेश्वरी 

Post View 410 सुबह से कंचन और उसके बेटे शान के बीच कहा सुनी हो रही थी। शान अपनी जिद पर अड़ा हुआ था कि आप इस घर को मेरे नाम कर दीजिए बस यही एक रट लगाए बैठा था आगे कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं था । हम दोनों तब ही बात करेंगे … Continue reading बे औलाद बेहतर है – के कामेश्वरी