“बहू” और “बेटी” सीखना दोनों को है। – रचना कंडवाल

Post View 5,075 कांता जी अपने सात साल के पोते के साथ क्रिकेट खेल रही थी। अंशु कह रहा था दादी आप बॉलिंग करो।”अंशु बेटा दादी तो बुढ़िया है। देखो ज्यादा नहीं दौड़ सकती।” “दादी मैं जोर से नहीं मारूंगा” दादी पोते का मैच चल ही रहा था कि गेट पर आहट‌ हुई।देखा तो अंशु … Continue reading “बहू” और “बेटी” सीखना दोनों को है। – रचना कंडवाल