बदलते रिश्ते (भाग-9) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

Post View 3 मैं हंसते हुऐ बोली “कुछ भी बोलती है”। पर मन ही मन मैं भी सोच रही थी ‘क्या कुछ खिचड़ी पकेगी हमारे बीच’  या बस एक तरफा प्यार ही रह जाएगा? दिन निकलते जा रहे थे,  इम्तिहान के दिन भी आ गए। सब प्रोफेसरों ने हमें पेपरों से पहले  शुभकामनायें और परिक्षा … Continue reading बदलते रिश्ते (भाग-9) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi