औलाद की खातिर सब सह गई – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Post View 2,911 ये क्या मम्मी ये आप अपना बैग और सामान लेकर कहां जा रही है ,मैं जा रही हूं बेटा यहां से , मगर कहां जा रही है, वृद्धाश्रम, वृद्धाश्रम पर क्यों ?अब बाकी की जिंदगी में वही गुजार लूंगी ।अब यहां रहकर बहू का अपमान और तेरा सब नजरंदाज करना मुझसे बर्दाश्त … Continue reading  औलाद की खातिर सब सह गई – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi