Post View 813 अरी ओ शन्नो कहाँ मर गई.. जरा छमिया, लैला, रसीली सबको बुलाकर तो ले के आ मेरे पास। अब कौन सी आफत आ गई ये मौसी को.. जरा सा हंसो बोलो तो बस मौसी को काम याद आने लगते हैं। लो आ गये.. अब बताओ ऐसा कौन सा पहाड़ टूट पड़ा जो … Continue reading औलाद – कमलेश राणा
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