अपनों का भरोसा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi
Post View 621 “अरे बेटा तुम … बहू और बच्चों के साथ?” सुबह सुबह दरवाज़े की कुंडी बजती देख दरवाज़ा खोल सामने बेटे बहू को देखते हुए रामदयाल जी बोले “ हाँ अब हम यही रहेंगे।” एक टूक शब्दों में कह किशोर अपना सामान लेकर एक कमरे में चला गया बेटा बहू का उतरा चेहरा … Continue reading अपनों का भरोसा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed