अपने -पराये की परिभाषा – संगीता त्रिपाठी

Post View 604    “जिंदगी के मेले में             कौन अपना और कौन पराया             जिसने जाना, वो सिकंदर कहलाया “     वो फकीर तो तन्मय हो गाता चला जा रहा था, पर मेरे दिल में अनेक प्रश्न उभर आये। सच है कौन अपना और कौन पराया, जीवन भर हम इसी में उलझें रहते। खून के रिश्ते ही … Continue reading अपने -पराये की परिभाषा – संगीता त्रिपाठी