अपनापन – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

Post View 582   साक्षी एक पढ़ी-लिखी कुशल गृहिणी थी। उम्र लगभग 42 वर्ष। साक्षी की दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था अपने आसपास की महिलाओं से मिलना-जुलना। यह मिलना-जुलना केवल समय व्यतीत करना मात्र नहीं था। इस तरह से मिलने की एक खास वजह थी। साक्षी को अच्छा लगता था किसी के दुख-दर्द सुनना, उनकी … Continue reading अपनापन – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi