अघोरी  – वंदना पांडे

Post View 648 मेरे कस्बे के बाहर अभी कुछ दिनों से एक अघोरी धूनी रमा रहा था..। वेशभूषा वही….सर पर जटाएँ… नेत्र जैसे दो सुर्ख अंगारे चेहरे पर जड़े हों….पूरे शरीर में राख का लेप, हाथ में एक डंडा और गले में लटकी हुयी इंसान की खोपड़ी…. लोग कहते हैं श्मशान में धूनी रमाता है…। … Continue reading अघोरी  – वंदना पांडे