अदृश्य अन्याय – रजनी श्रीवास्तव अनंता
Post View 19,704 जब से दोनों चाचा शहर जाकर बसें और दोनों बुआ की शादी हो गई, तब के बाद ऐसा पहली बार हुआ था कि बिना किसी तीज-त्योहार के परिवार के सारे लोग गांव में इकट्ठा हुए थे। कोई और दिन होता तो बड़ी अम्मा चहकती हुई सब की आवभगत में लगी होतीं। मगर… … Continue reading अदृश्य अन्याय – रजनी श्रीवास्तव अनंता
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed