अभागन – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi
Post View 13,687 सौंदर्या व्याकुल होकर घर में ही चहल कदमी कर रही थी कभी बालकनी, कभी घर का गेट खोलकर बाहर देखने जाती। बेचैनी में एक-एक पल उसे एक-एक वर्ष के समान लग रहा था। थोड़ी भी आहट होने पर बाहर देखने लगती। बहुत ही बेसब्री से बेटे अंशुल का इंतजार कर रही थी। … Continue reading अभागन – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi
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