अब अपमान बर्दाश्त नहीं – वीणा

Post View 536 सुमित्रा ने सोंठ के लड्डू, काजू-किशमिश, गाय के दूध से निकाला शुद्ध घी सब अटैची में भर लिया था। बहू की पहली जचगी थी, सुमित्रा और रामनाथ दोनों बहुत खुश थे। बेटा डॉक्टर था, इसलिए चिंता की कौनो बात नहीं थी लेकिन शहर में जाकर पता नहीं तुरन्त घरेलू चीज़ें मिले की … Continue reading अब अपमान बर्दाश्त नहीं – वीणा