“आत्मा की पुकार” – मीरा सजवान ‘मानवी’ : Moral Stories in Hindi

Post View 319 संध्या की हल्की धूप आंगन में बिखरी थी। पुरानी हवेली के झरोखों से रोशनी छन-छनकर भीतर आ रही थी, जैसे समय खुद थम गया हो। उसी हवेली के एक कोने में बैठी थी शांत, गम्भीर और अपने ही ख्यालों में डूबी हुई सरोजनी… वो कभी इस हवेली की रानी थी, मन से … Continue reading  “आत्मा की पुकार” – मीरा सजवान ‘मानवी’ : Moral Stories in Hindi