आंसू बन गए मोती – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

Post View 225 नया नोहर बानी कनिया   पियवा धरावे हंसुआ ए रामा चईत  हो मासे……गांव की प्यारी सी भोर सुबह भी नहीं हुई थी… चार बज रहे थे…कानों में चैता का मधुर स्वर मनु के  मन मस्तिष्क को झंझोर गए… दरवाजा खोल कर बाहर निकल आई… महुआ के पेड़ से आ रही मादक खुशबू … Continue reading आंसू बन गए मोती – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi