आज वो एक बार फिर माँ बनी थी – ऋचा उनियाल बौंठियाल
Post View 45,004 “निकम्मे, नालायक, जब देखो किताब खोल के बैठा रहता है , कौनसा पढ़ लिख कर तूने आईएएस बन जाना है! तेरे माँ बाप तो इस संसार से चले गए, तुझे छोड़ गए मेरी छाती पर मूंग दलने को, ये किताब छोड़ और किचन में जाकर बर्तन साफ़ कर उसके बाद झाड़ू पोछा … Continue reading आज वो एक बार फिर माँ बनी थी – ऋचा उनियाल बौंठियाल
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