बीना आज बहुत उदास थी कोई भी नहीं था जो उसके दिल की व्यथा समझ पाता, कितना भरोसा किया था उसने शिखा पर,
8 साल की दोस्ती…… लगता था जैसे कल की ही बात हो,
बीना ब्याह के बाद एक बार मायके से दूसरी बार ससुराल से विदा होकर नोएडा से अहमदाबाद आयी थी विदा होकर क्योकि शिखर उसके पति को विवाह के साथ ही प्रमोशन के साथ तबादला मिला था वो भी सीधा नोएडा से अहमदाबाद।
।आकर ढंग से गृहस्थी भी नहीं जमा पायी थी कि दरवाजे की बेल बजी,
भागते-भागते उसने घड़ी की तरफ देखा तो अभी सिर्फ 3 ही बजे थे, शिखर इतनी जल्दी कैसे?
दरवाज़ा खोला तो सामने पर्फ्यूम से नहाई एक lady खड़ी थी, ।उसने बार बार बीना के सामने हाथ लहराया तो जैसे बीना को होश आया,
उसने कहा ” मैं शिखा हूं यही 2 घर छोड़कर रहती हूँ कोई नया आता है तो दोस्ती करना अच्छा लगता है, अगर आपको कोई भी समस्या ना हो तो…
बीना भौचक्की सी उसको देखती रह गयी जो उसके सामने से निकल कर सोफ़े पर बैठ चुकी थी,
कौन थी वो और इतना अधिकार कोई अजनबी कैसे दिखा सकता है!!
बीना उसके सामने खड़ी हो गयी और सपाट स्वर मे बोला, ” मैं अभी व्यस्त हूं आपको किसी और दिन मिलूंगी, “
पर शिखा पर तो जैसे कोई प्रभाव नहीं पड़ा था ,उसने अचानक स्व कहा “तुम आज भी उतनी खूबसूरत हो जितनी पहले हुआ करती थी “
बीना ने अचकचा कर उसको देखा पर शिखा अब खामोश हो चुकी थी बीना के दिल मे तरंग बजाकर।
शिखर उठी और जाते हुए बोली हम बाद मे मिलेंगे ।
।बीना का दिल अब काम मे नहीं लग रहा था वो एक जगह बैठ गयी और सोचते लगी, क्या इसके बारे मे शिखर से बात करनी चाहिए, लेकिन मन कहा अभी तो बिल्कुल भी नहीं ।
बीना को आए 6 महीने हो चुके थे एक शाम अचानक फिर से doorbell बजी ,दरवाज़ा खुला हुआ था तो शिखा अंदर आ गयी बीना फिर हैरान रह गयी,
आज शिखा जल्दी मे थी एक चिट बीना को देकर वो चली गई।
बीना ने कांपते हुए उसको खोला और दरवाजे की तरफ देखने के बाद पढ़ने लगी।
जैसे जैसे पढ़ती जा रही थी चेहरे पर गुस्सा होंठो पर बेबसी और आँखों मे नमी भरती जा रहीं थीं।
“शिखा शिक्षा की बहन थी, शिक्षा से शिखर ने कभी बेइंतहा प्यार किया था और शिक्षा एक दिन गायब हो गयी थी और आज तक नहीं मिली, क्या शिखर बीना से प्यार करता है या उसके दिल मे अब भी शिक्षा है”
चिट पढ़ते ही आंसू की एक धार बीना की आँखों से बह निकली।
शिखर से बात करना चाह रही थी क्या था सच जानना चाहती थी, उसको समझ नहीं आ रहा था तो उसने शिखर की माँ को फोन मिला दिया इधर उधर की बाते करके चुप हो गयी लेकिन दूसरी तरफ एक माँ थी जो समझ गयी कि बीना परेशान है और उससे बात करना चाह रही है,
माँ ने कहा “क्या बात है बीना मन नहीं लग मैं आ जाऊँ क्या “
बीना बोली “माँ, मन तो सच मे नहीं लग रहा अगर आ सको तो……नही रहने दो माँ, पापा और स्नेहा परेशान हो जाएंगे, स्नेहा के exam भी तो चल रहे हैं।
माँ ने कहा ” फिर क्या बात है?
“कोई बात नही माँ बस शिखर के कॉलेज lyf के बारे मे जानना था “
माँ हैरान रह गयी ये सुनकर,
फिर बोली ” 5 बच्चों का ग्रुप था कॉलेज मे सब एक दूसरे के लिए भाइयों से बढ़कर थे “
बीना ने टोकते हुए कहा ” वो सब मुझे पता है माँ सबसे मिल चुकी हूं “, पर क्या कोई और कोई स्पेशल …..”
माँ चौंक गयी सम्भलते हुए बोली “हाँ , थी एक और सिर्फ 15 दिन के लिए, कहकर माँ ने फोन काट दिया बीना देख नहीं सकती थी कि इस वक्त वो कैसे फुट फुट कर रो रही थी, आवाज सुनकर स्नेहा आयी और माँ की हालत देखकर परेशान हो गयी, उन्हें पानी दिया और कमरे मे ले गयी।
इधर बीना फोन हाथ मे पकड़े रही, रखकर घूमी तो पीछे शिखर खड़ा था,
शिखर ने कहा “क्या हुआ बीना अचानक से ये सब
बीना की आंखे आंसुओ से भरी थी ये देखकर शिकार ने उसको अपने सीने से लगा लिया, बीना ने धीरे से चिट शिखर के हाथ मे दे दी।
चिट पढ़ते ही शिखर गुस्से से लाल हो गया, बीना उसको देखकर चौंक गयी क्यूंकि शिखर बहुत शांत रहने वाला इंसान था 3 साल की शादी मे बीना महसूस कर चुकी थी सब।
शिखर सोफ़े पर बैठा और अपने पास ही बीना को बिठाते हुए बोला “बीना शिक्षा मेरे कॉलेज मे थी, पर उसके कोई बहन नहीं थी ये गलत लिखा है मुझे मेरे मकसद से हटाने के लिए ही वो मेरी जिन्दगी में आयी थी 5 साल के कॉलेज की पढ़ाई मे 2 साल कैसे निकल गए, पता ही नहीं चला एक स्व होने की वज़ह से रिया माधव जुगनू सोहन उसके अच्छे दोस्त बन गए थे जो आज तक है और तुम सबसे मिल भी चुकी हो
तीसरे साल के शुरू मे ही शिक्षा मुझसे फीस काउन्टर पर टकराई थी, या यूं कहूँ जानबूझ कर,
बीना उसका सपाट चेहरा देखे जा रही थी उसको लगा शिखर बिखर सा रहा है तो उसने शिखर के हाथ पकड लिए।
शिखर ने आगे बताया ” च्यूंगम चबाते हुए खिलखिलाता चेहरा और बाल उड़ उड़ कर चेहरे पर आते हुए जिस लड़की ने उसको धक्का मारा था वो शिक्षा थी ,तभी सारे दोस्त फीस काउन्टर पर ही शिखर के पास आ गए और घूर घूर कर शिक्षा को देखने लगे थे, बेबाक लड़की थी इसीलिये सब उसको जानते थे “
शिक्षा ने आगे अपना हाथ बढ़ाया और शिखर से बोली “मैं शिक्षा और तुम?
माधव ने शिक्षा का हाथ थाम लिया और बोला मैं माधव सारे दोस्त हँस पड़े और शिखर भी मुस्करा दिया,
उसके बाद से हर जगह शिक्षा शिखर के आस-पास नजर आने लगी,
धीरे-धीरे शिखर को वो अच्छी लगने लगी,सिर्फ 15 दिन हुए थे जब शिखा ने कहा “शिखर मैं तुमसे प्यार करने लगी हूं “दोस्तों को समझ आने लगा और वो शिखर को समझाने भी लगे ,क्यूंकि सेमेस्टर से 15 दिन पहले प्यार की बाते दोस्तों को हजम नहीं हो रही थी।
3rd year के फाइनल सेमेस्टर से दो दिन पहले ही शिक्षा ने शिखर से कहा मैं तुम्हें कहीं ले जाना चाहती हूं चलोगे, प्यार मे पागल शिखर शिक्षा के साथ जाने को तैयार हो गया ये बात रिया ने सुनी तो जुगनू को बताई, जुगनू परेशान हो गया तभी सोहन ने आकर कुछ ऐसा बताया कि जुगनू के हाथ पैर फूल गए,
सोहन ने माधव को फोन मिलाया और सारी बाते बताई, माधव खुद परेशान हो गया लेकिन जब तक सब बाहर आए शिक्षा शिखर को लेकर जा चुकी थी, जुगनू और सोहन ने अपनी बाइक निकाली और कॉलेज से बाहर आए, गार्ड से शिखर के बारे मे पूछा तो गार्ड ने जाने वाली दिशा मे इशारा कर दिया, असल मे इन दोस्तों की जोड़ी गार्ड को हमेशा चाचा बोलते थे और बहुत इज़्ज़त देते थे इसीलिए गार्ड इन सबको नाम से पहचानता था।
शिक्षा मुस्कराते हुए ड्राइव किए जा रही थी अचानक शिखर ने पूछा और कितनी दूर ले जाओगी, पढ़ना भी है सेमेस्टर शुरू होने वाले हैं, शिक्षा अचानक से खिलखिला पड़ी और ब्रेक लगा दिए, वो एक जंगल मे थे शिखर ने चौंक कर शिक्षा को देखा जो अपने बेबाकी अंदाज मे इधर-उधर देख रही थी अचानक उसने शिखर को किस किया शिखर को जैसे करंट लगा, वो गाड़ी से उतरा चारो तरफ जंगल ही जंगल था अचानक उसके फोन मे msg आने लगे उसने Whatsapp खोला तो उसमे शिक्षा को किस करने के फोटो थे वो भी shirtless मे, शिखर समझ गया किसी ने एडिट किए हैं पर यहां,,,,यहां किसने फोटो लिया किसने एडिट किया,
फोन लेकर वो शिक्षा के पास गया तो शिक्षा बोनट पर बैठी हुई थी,
शिखर ने उसको फोटो दिखाए पर उसका चेहरा सपाट था किसी भी तरह के कोई भाव नहीं थे,
अचानक से शिक्षा बोली “शिखर ये फोटो अगर वायरल हों जाए तो कितना अच्छा होगा,
शिखर बोला “तुम पागल हो क्या
“हाँ मैं पागल हूं, अगर इस बार तुमने टॉप किया या पहले 10 मे तुम्हारे नंबर आए तो ये तस्वीरें वायरल हो जाएंगी और इससे भी ज्यादा…… शिक्षा बेशर्मी से हँसी।
शिखर की मनोदशा खराब हो गयी शिक्षा उसको वही छोड़कर चली गयी,
तभी उसके दोस्त वंहा पहुंचे और उसको अपने साथ ले आए पर शिखर का व्यवहारिक अजीब सा हो गया था, वो ना बोलता ना पढ़ता और ना ही कॉलेज जाता,
जब शिखर की माँ को सब पता चला तो शिखर को अपने साथ ले आयीं 2 साल तक उसका इलाज चला, कड़वी याद भुलाने के लिए बहुत समय लगा, पर दोस्त हमेशा साथ रहे।
बीना ने उसी समय वो चिट फाड़ दी,और शिखर का हाथ पकड़कर उसका सिर सहलाते हुए अपना साथ देने का भरोसा दिला दिया।
उधर घर मे बैठी शिक्षा उर्फ शिखा हँस रही थी उसको लगा उसने एक बार फिर शिखर को हरा दिया,
पर अगले दिन जब दोनों को साथ देखा हाथ मे हाथ डालकर चलते हुए उसको बहुत बुरा लगा तभी उसने देखा बीना उसका दरवाज़ा बजा रही थी, दरवाज़ा खोलते ही बीना बोली ” शिक्षा, कम से कम अपने नाम की ही इज़्ज़त रख लेती,
।शिखर उचटती सी नजर डालकर बीना का हाथ पकड़कर वापस आ गया। ।
इतिश्री
शुभांगी