वो मासूम सी लड़की…… –  शाजिया

दीदी मेरी बच्ची को बहुत भुख लगी है कुछ खाने को दे दो न प्लीज! मैंने सामने देखा तो एक 25 26 साल की लड़की जिसके साथ एक 6,7साल की बच्ची थी साफ सुथरा और अच्छे कपड़ों में! मुझे आश्चर्य हुआ पर दिमाग में आया कि हो सकता है कोई मजबूरी हो। 

उसने धीरे से कहा आप रिया दीदी हैं न? मैं सोना आपके पड़ोस में रहती थी। इससे पहले मैं कुछ बोलती उसने कहा मैं बहुत जल्दी में हुं कल फिर यहीं मीलुगी बोलकर चली गई और मुझे अतीत में 15 साल पीछे छोड़कर । उस वक्त सोना 14,15 वर्ष की रही होगी , उसके मां के मरने के बाद उसकी नानी जो हमारे पड़ोस में रहती थी अपने घर ले आयिं।  उनके घर में बेटा बहू और उनके दो बेटे रहते थे।

 आंटी को पेंशन मिलती थी और उनका बेटा सरकारी अफसर था। सोना बहुत खूबसूरत और चंचल लड़की थी, वो मेरे पास अक्सर आती, हमेशा दीदी -दीदी करते रहती मुझे। मुझे भी उसके साथ छोटी बहन सा लगाव रखने लगा। शुरू शुरू में तो सब ठीक रहा पर बाद में मामी उसे प्रताड़ित करने लगी, उससे घर के सारे काम करवाती कोई ग़लती हो जाने पर मारती पीटती भी। 

वो कुछ दिनों बाद आंटी के बेटे का ट्रान्सफर हो गया फिर सोना का क्या हुआ कुछ पता नहीं चला यही सोचते हुए मैं घर पहुंच गई। मैं रातभर सो नहीं पाई, सुबह जल्दी उठकर स्कूल के लिए निकल पड़ी। और नियत स्थान पर देखा वो पहले से ही वहां खड़ी हुई मीली। मैंने स्कूल में काल करके आज की छुट्टी ली और उसे लेकर अपने घर आ गई चुकीं मेरे पति काम के सिलसिले में शहर से बाहर गए हुए थे , तो घर में एकांत था।




 मैंने कहा अब बताओ? उसने अपनी आपबीती सुनाई, कैसे उसके मामा के ट्रान्सफर हो जाने के बाद नानी का देहांत हो गया फिर मामी ने उसकी शादी एक बुढ़े से कर दी कुछ दिन बाद उसने सोना को किसी और को बेंच दिया तब ये बच्ची उसके पेट में थी।

उस दिन से अबतक उसे बहुत लोगों ने नोंचा,वह रोने लगी थोड़ा शांत हुई तो बोली दीदी इसे अपने पास रख लो मैं अपनी बेटी की जिन्दगी अपनी तरह नहीं देखना चाहती इसे अपने पास रख लो प्लीज़ वो मेरे पैरों में पड़ गई। मैंने उसे उठाया और बोली आज से ये मेरी बेटी है। वो खुश हो गई और अपनी बेटी से प्यार से बोली बेटा मैंने आपको बताया था ना मैं आपकी मां नहीं हुं एक दिन आप अपने असली मां के पास हमेशा के लिए चली जाओगी, यही हैं आपकी मां। 

शायद उसने अपनी बेटी को पहले से ही सिचुएशन के लिए तैयार कर लिया था, उसने रोते हुए कहा हां मम्मी लेकिन आप भी यही रहो न मेरे साथ। सोना ने कहा बेटा मैं आपसे मिलने आउंगी और मेरे करीब आकर दीदी मैं जा रही हुं हमेशा के लिए आप इसको अपनी तरह बनाना और चली गई मैं आंसुओ भरी नजरों से उसे दुर जाता देखती रही!

भगवान ने शायद इसीलिए अबतक मेरी गोद नहीं भरी थी।मै और मेरे पति ने इस बच्ची को कानूनी तौर पर अडआप्ट कर लिया, और नाम रखा सोना।                            

     शाजिया, गोपालगंज 

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