उम्मीद कामिनी हजेला

एक सड़क  दुर्घटना में   कमला   के पति और इकलौते पुत्र  की मृत्य  होगई  थी।

उसे लगा दुनिया दुनियां ही खत्म  हो गई। थोड़े दिन  शोक मनाने के बाद  कमला ने पुनः नये सिरे से जीवन जीने का  फैसला लिया ।

उसने  पति की बैंको की धनराशि ,घर सब अपने नाम  करवाने का प्रयास  किया।शुरूआत  में में आफिसों  के चक्कर  लगाने में,बहुत  परेशानी हुई। यह सभी काम हमेशा पति करते थे।

बीमाराशि  प्राप्त  करने के लिए  भी उसे बहुत  परेशान  होना पड़ा कई  जगह  खर्चा लगेगा कह कर सीधी घूस मांगी गई। पति क्योंकि उद्योग पति थे, वह भी सीमित  सहयोग करती थी ।अब अकेले उससे उद्योग  नहीं सम्भाले जा रहे थे अतः उसने बन्द करने का निर्णय  लिया।

   अकेले पन को दूर करने और व्यस्त  रहने के लिए  उसे कोई उपाय  नहीं दिख रहा था किन्तु वह हिम्मत  नहीं हारना चाहती थी

उम्मीद  का दामन वह नहीं छोड़ना चाहती थी।

जीवन भर वह परिवार  के लिए  जीती थी अब उसने अपने लिए  जीने का निर्णय  लिया।

जीवन में बहुत  सी ऐसी इच्छायें थीं  जिनको उसने पारिवारिक  व्यस्तता  में कहीं दफन कर दिया था ।अब उसने कानून  की किताबें पढ़ने का निर्णय  लिया।

 

और ऐसी बेटियों को न्याय  दिलवाने का निर्णय  लिया जो बलात्कार  का शिकार  हो गयीं थीं और मार डालीं गयीं थी ।किन्तु कई  साल  तक मुकदमे लड़ने के बाद  भी उनके माँ बाप उस बच्ची को न्याय  नहीं दिलवा पा रहे थे।

उसने निर्णय  लिया कि वह उन निराश लोगों की उम्मीद  बनने का प्रयास  करेगी जो जीवित तो हैं किन्तु जीवन में आने वाली  परेशानियों  से  हार मान  लेते हैं।

कामिनी हजेला 

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