मेरी भांजी और मेरी बेटी लगभग समान उम्र की है। दोनो बहुत अच्छी दोस्त भी है, बहनें तो है ही।
मेरी बहन सिंगल मदर है तो वो अपनी बेटी को थोड़ा ज्यादा लाड़ से पालती है या ये कहा जाये कि मेरे घर मे सब उसे कुछ ज्यादा ही प्यार करते हैं।
पर मै उसे थोड़ा डराकर रखती थी क्योकी मुझे लगता था कि लाड़ में बच्चे बिगड़ जाते हैं। बस इसी कारण में उसे डाट भी देती थी इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं कि मै उससे प्यार नहीं करती थी।
मै जब भी मम्मी के यहां जाती मेरी भांजी कोई गलती करती तो मै उसे डाट देती थी और वो धीरे धीरे मुझसे डरने लगी और चिढ़ने भी लगी पर वो मुझे सिर्फ मेरी बेटी के चक्कर में सहन करती थी क्योकी उसे मेरी बेटी के साथ खेलना बहुत अच्छा लगता था।
घर मे भी वो कोई शैतानी करे या जिद करे तो सब कहे कि “रुको मासी को फोन करते है” तो वो डर जाती।
मेरी मम्मी के यहां सब अधिकत्तर धार्मिक सीरियल ही देखते हैं जैसे देवो के देव महादेव, शनि देव, राधा कृष्णा आदि।
तो हुआ यू कि जब ये दोनो बहने साढ़े तीन -चार साल की थी तब मै, मेरी बड़ी बहन और मेरे बच्चे मम्मी के यहां गये थे ।
वहां मेरी बेटी और भांजी खेलने लगी तो मेरी भांजी ने मेरी बेटी से कहा कि “चलो चिप्स खाते है।”
मेरी बेटी ने कहा “मम्मी से पूछना पड़ेगा।”
तो भांजी बोली “ठीक है चलो पूछते है”
मै और मेरा पूरा परिवार हम सब साथ में बैठे थे।
आकर दोनो ने मुझसे पूछा कि “चिप्स खाये” तो मैने आदतन मना कर दिया। मेरी बेटी तो कुछ नही बोली पर मेरी भांजी को मेरे पर बहुत गुस्सा आया।
और गुस्से मे जमीन पर आलथी पालथी मारकर तपस्या करने की मुद्रा में बैठ गई ।
और सबके सामने जोर जोर से बोली कि “अब मै तपस्या करूंगी और भगवान से वरदान में त्रिशूल मांगूगी और वो त्रिशूल मासी के पेट में मार दूंगी।”
हम सब 2 मिनट तो बस उसे देखते रहे उसके बाद जो हसें सब लोग कि पेट ही दुखने लगा सबका।
मै तो बस अपनी भांजी को देखती ही रही और मम्मी से बस इतना ही बोल पाई कि “ज्यादा धार्मिक चैनल ना देखा करो मेरा कभी भी मर्डर हो सकता है।”
फिर तो घर मै सब हसं हसं कर लोट पोट होते जाये।
उसके बाद मैने मेरी भांजी को डाटना बंद कर दिया भाई जान है तो जहान है।
इस बात को 6 साल हो गये है और मेरा और उसका रिश्ता मासी भांजी का ना होकर दोस्त का हो गया है पर आज भी जब सब ये बात याद करते हैं तो हसीं से लोट पोट हो जाते है।
कल मैने मेरी भांजी को यही बात याद दिलाई तो शर्मा कर मुझसे लगे लगकर कहती है “मासी तब तो मै छोटी थी ना।”
नताशा हर्ष गुरनानी
भोपाल