कुछ बंधन तोड़े से भी नहीं टूटते – मुकेश कुमार

राजू अपने दादा जी को सुपरस्टार दिलीप कुमार का अपने मोबाइल से फोटो दिखाते हुए कह रहा था, “दादा जी आप बिल्कुल इनके जैसे लगते हो।” राजू रोजाना अपने दादाजी के साथ ही मैथ पढ़ता था, जब उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता था तो वह कुछ ना कुछ बहाने कर अपने दादाजी को पटाने … Read more

नौकरी वाली देवरानी -मुकेश कुमार

कांता जी की दो बहुए थीं बड़ी बहू का नाम सरिता था और छोटी बहू का नाम मीरा था। कांता जी की दोनों बहुएं देखने में बहुत खूबसूरत थी। बड़ी बहू सरिता गांव की रहने वाली थी और सिर्फ मैट्रिक पास थी वही छोटी बहू मीरा शहर की रहने वाली थी और ग्रेजुएट थी।  छोटी … Read more

अतीत का दर्द – मुकेश पटेल

मां तो बचपन में ही गुजर  गई थी पिता का देहांत पिछले साल कोरोना महामारी में हो गया था।  आज 1 साल बाद गर्मी की छुट्टियों में शिल्पा अपने मायके आ रही थी।  भाई संतोष बहन को लेने के लिए स्टेशन पहुंच चुका था।  शिल्पा घर के अंदर प्रवेश करते ही सामने अपने मम्मी पापा … Read more

दर्द रिश्तो का – मुकेश पटेल 

रामनाथ जी दिल्ली के एक सरकारी बैंक में मैनेजर थे  उनकी शादी के 20 साल गुजर चुके थे  लेकिन अभी तक उन्होंने संतान सुख की प्राप्ति नहीं की थी  उनकी पत्नी सुनंदा इस बात को लेकर हमेशा चिंतित रहती थी कि भगवान उनकी कोख में भी एक बेटा या बेटी दे दे इसके लिए सुनंदा … Read more

प्यार की परिभाषा

शाम के 6 बजे का समय था। मैं अपने सभी काम ख़त्म कर कुर्सी पर बैठा हुआ एक किताब पढ़ रहा था। तभी अचानक मेरे कानों में एक आवाज पड़ी, “पिता जी, ये प्यार क्या होता है?” आवाज मेरे बेटे की थी। उसकी उम्र अभी सिर्फ 8 साल की थी। सवाल सुन कर मैं तो … Read more

मेहनत का बीज

बहुत पुरानी बात है  सीतापुर के राज्य के राजा को  शादी के 25 साल हो चुके थे लेकिन अभी भी कोई संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी।  जिसे राज्य की उत्तराधिकारी घोषित किया जा सके.  एक दिन इसी बात की चर्चा राज्यसभा में चल रही थी तभी राजगुरु ने राजा को सलाह दी महाराज हम … Read more

काश पुरुषों का भी मायका और ससुराल होता

सुधा जी एक स्कूल में शिक्षिका थी और जीवन के  60  बसंत पार कर चुकी थी अगले महीने स्कूल से रिटायर होने वाली थी।   सुधा जी के दो बेटे और एक बेटी थी तीनों की शादी हो चुकी थी। सुधा जी के पति राकेश जी भी बिजली विभाग में नौकरी करते थे  वे  5 साल … Read more

गैरों में अपनों की परख – मुकेश पटेल

बंसी लाल जी की इलाहाबाद में किराने की दुकान थी।  इसी किराने दुकान से घर भी चलता था और अपने इकलौते बेटे को पढ़ाकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना दिया था।  बेटा गुड़गांव में एक एमएनसी कंपनी में नौकरी करता है।   गर्मी की छुट्टी में बेटा और बहू दोनों इलाहाबाद आए हुए थे और उन्होंने अपने पापा … Read more

हम थे जिनके सहारे वह हुए ना हमारे

संतोष जी बैंक में मैनेजर थे। उनको  दो बेटा और एक बेटी थी  बड़ा बेटा और बेटी की शादी हो गई थी,बड़ा बेटा अपनी पत्नी के साथ अलग फ्लैट लेकर रहता था।  एक दिन उनकी पत्नी राधा जी  का बाथरूम में पैर फिसला और कमर में काफी चोट आ गई डॉक्टर को दिखाया गया तो … Read more

अब तेरे बिन जी लेंगे हम

गौरी ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी शादी गांव में हो जाएगी।  उसके पिताजी का दिल्ली के चांदनी चौक में कपड़े की दुकान थी और उसने अपनी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में ही की थी, उसे तो लगता था कि उसकी शादी दिल्ली में ही किसी लड़के से होगी। लेकिन गौरी ने जैसे ही ग्रेजुएशन … Read more

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