ईर्ष्या का अंजाम हमेशा बुरा ही होता हैं -स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

बहु , नाश्ता बना या नहीं ?? तुम्हारे पापाजी और कुंदन को ऑफिस जाने लेट हो रहा हैं कविता जी अपने कमरे से गुस्से में बोली !! जी मम्मी जी बन गया हैं बस गर्म गर्म नाश्ता ही परोस रही हुं , राही अपने ससुर जी और पति कुंदन को नाश्ता परोसते हुए बोली !! … Read more

पापा आप कैसे अपनी माँ की बुराई सुनते हैं -संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

वाह क्या सब्जी बनी है…. आज माँ की याद आ गई…. परवल की सब्जी भी इतनी शानदार बन सकती है… ये तो मुझे माँ के हाथों से बनी परवल की सब्जी खा कर ही पता चला था….!! वरना मुझे तो परवल बिल्कुल भी पसंद नहीं थी….। अनजाने में ही सब्जी की तारीफ करते करते नकुल … Read more

अब तो अनर्थ नहीं होगा-हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी… मैं मेरी सहेलियों के साथ किटी पार्टी में जा रही हूं, आप अंदर से दरवाजे बंद कर लीजिए, मुझे आने में तीन-चार घंटे लग जाएंगे आप तब तक आराम कीजिए! मैं आने के बाद सारा काम कर लूंगी! ठीक है बहु…. 1 मिनट… हे राम… “यह क्या अनर्थ कर दिया तुमने”! क्या हुआ … Read more

कमीशन-लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बात तो तीन सौ रुपया एक दिन की हुई रही उस हिसाब से तो हमार एक हफ्ते की पगार इक्कीस सौ होती है पर आप तो हमें चौदह सौ दे रहे हैं ।और इस रामू को तो पूरे इक्कीस सौ ही मिले है कमर में डेढ़ साल की बिटिया को चिपकाए माथे से बहते पसीने … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया -करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

हैलो मम्मी… कैसी हो, कुछ काम कर रही थी क्या …. बहुत देर बाद फ़ोन उठाया । हूँ… हूँ…. दाँत में दर्द है …. फिर फ़ोन करूँगी…. रख दे । माँ के फ़ोन रखते ही मानसी सोचने लगी, दाँत में दर्द….. हो सकता है पर आज दाँत का दर्द…. केवल बहाना  लग रहा है….. शायद … Read more

हमसफ़र – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

क़रीब तीन  बरस  बीत गए मृदुल को मेरे जीवन से गए. किंतु मैं तो आज भी उसी मोड़ पर खड़ी हूं, जहां वो मुझे छोड़ कर चला गया था. गहरे अवसाद में चली गई थी मैं. पर किसी के जाने से जीवन रुक नहीं जाता जीना तो पड़ता ही है. द शो मस्ट गो ऑन…” … Read more

हमसफर – साक्षी तिवारी : Moral Stories in Hindi

सौंदर्या सकुचाई सी आईने के सामने बैठी थी । बगल में रखी लाल रंग की बनारसी साड़ी जैसे उसे मुंह चिढ़ा रही  थी ।  “ये अचानक क्या सूझी सुदीप को । शादी के तीन साल बाद रिसेप्शन ? आखिर इसकी जरूरत क्या थी?” वो परेशान सी बोले जा रही थी। तभी दरवाजा खुला और सुदीप … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने – रीतू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शिवी अपनी २० दिन की बेटी के साथ अपने कमरे में सो रही थी। साथ ही उनकी देखभाल के लिए उसकी जेठानी गौरी लेटी हुई थी। घोर गर्मी थी, सब ऐ . सी . चला कर आराम से सो रहे थे, क्यूंकि शिवि और बेबी अभी ऐ सी में नहीं सो सकते थे तो वो … Read more

पत्नी हमसफर है ना की गुलाम – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

बहू… यह क्या तुमने विनीत के आने से पहले ही खाना खा लिया, अरे हमारी तो छोड़ो कम से कम अपनी पति की इज्जत कर लिया करो, बहू का फर्ज होता है कि जब तक परिवार के सभी लोग खाना ना खा ले तब तक वह खाना ना खाए,  तुम्हें पता नहीं कितनी भूख लगती … Read more

भेदभाव जाति पाति का -माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जानकी देवी गांव से अपने पोते की शादी के लिए शहर अपने बेटे रामनाथ के घर आई हुई है,लेकिन जबसे घर आई हैं तबसेघर में अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। जब दो दिन हो गए उनको तब उन्होंने अपनी बहू से कहा कि उसे होने बाली बहू का फोटो तो दिखाओ कम से कम।कैसी … Read more

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